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why did Haryana become the leader of sports ?

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खेलों में बजता है हरियाणा का डंका, आखिर हरियाणा कैसे बना खेलों का सिरमौर ? (why did Haryana become the leader of sports ?)

हरियाणा के बारे में एक प्रसिद्ध कहावत है, “देशा में देश हरियाणा, जित दूध दही का खाना,” जो हरियाणा की हर विशिष्टता को दर्शाती है। चाहे वह अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धा हो, ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, या एशियाई खेल, हरियाणा, जिसकी आबादी मात्र 2 प्रतिशत है, देश के लिए सबसे अधिक मेडल जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस बार भी ओलंपिक में यही देखने को मिला। आइए जानते हैं कि खेलों में हरियाणा की यह उपलब्धि कैसे संभव हो पाई है।

why did Haryana become the leader of sports ?
Image: why did Haryana become the leader of sports ?

पेरिस ओलंपिक 2024 में हरियाणा की धाक

पेरिस ओलंपिक 2024 में हरियाणा के खिलाड़ियों ने अद्वितीय प्रदर्शन किया और देश के लिए महत्वपूर्ण मेडल जीते। देश के कुल 6 मेडल में से 4 हरियाणा के खिलाड़ियों के नाम रहे, और जिस हॉकी टीम ने मेडल जीता, उसमें भी हरियाणा के खिलाड़ियों का विशेष योगदान रहा। आखिर हरियाणा के खिलाड़ी खेलों में इतने आगे क्यों हैं? ऐसी कौन सी खास बातें हैं जो हरियाणा को खेलों में सबसे आगे रखती हैं?

17 अगस्त को होगा ओलंपिक खिलाड़ियों का सम्मान

हरियाणा सरकार ने ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के सम्मान के कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य सरकार 17 अगस्त को रोहतक में सभी खिलाड़ियों का सम्मान करेगी। खेल मंत्री संजय सिंह ने घोषणा की है कि पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा।

हरियाणा मे ओलंपिक मेडल के लिए पुरस्कार

  • गोल्ड मेडल: 6 करोड़
  • सिल्वर मेडल: 4 करोड़
  • ब्रॉन्ज मेडल: 2.5 करोड़
  • ओलंपिक:15 लाख

हरियाणा की खेल नीति का महत्वपूर्ण योगदान

हरियाणा के खिलाड़ियों के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के पीछे राज्य की मजबूत खेल नीति का अहम योगदान है। अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीतने वाले खिलाड़ियों को राज्य सरकार द्वारा उच्च पुरस्कार राशि दी जाती है। साथ ही, उन्हें नौकरी और खेलों की तैयारी के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को तैयार करने में सरकार की सक्रिय भूमिका रही है, जिसका प्रभाव अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साफ दिखाई देता है।

ओलंपिक मेडल जीतने पर हरियाणा में पुरस्कार

हरियाणा वह राज्य है जो ओलंपिक और पैरा ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सबसे अधिक पुरस्कार राशि प्रदान करता है। गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को 6 करोड़, सिल्वर मेडल के लिए 4 करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल के लिए 2.5 करोड़ रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा, ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को भी 15-15 लाख रुपये की राशि दी जाती है।

एशियाई खेलों के लिए पुरस्कार

  • गोल्ड मेडल: 3 करोड
  • सिल्वर मेडल :1.5 करोड़
  • ब्रॉन्ज मेडल: 75 लाख

एशियाई और कॉमनवेल्थ खेलों में पुरस्कार राशि

हरियाणा की खेल नीति के अनुसार, एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने पर 3 करोड़, सिल्वर मेडल के लिए 1.5 करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल के लिए 75 लाख रुपये दिए जाते हैं। वहीं, कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने पर 1.5 करोड़, सिल्वर मेडल के लिए 75 लाख और ब्रॉन्ज मेडल के लिए 50 लाख रुपये मिलते हैं।

कॉमनवेल्थ खेलों के लिए पुरस्कार

  • गोल्ड मेडल:1.5 करोड़
  • सिल्वर मेडल:75 लाख
  • ब्रॉन्ज मेडल; 50 लाख

खेलों को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं

राज्य सरकार खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, और ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को 20,000 रुपये प्रति माह का मानदेय देती है। इसके अतिरिक्त, खेलरत्न अवार्ड और तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को भी मानदेय दिया जाता है। भीम पुरस्कार विजेताओं को 5,000 रुपये का मानदेय मिलता है। सरकार ने एक स्टेट गवर्नमेंट फंड भी बनाया है, जिसके तहत ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों को 5 लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं।

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खिलाड़ियों के लिए नौकरी के अवसर

हरियाणा सरकार ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए नौकरियों में भी प्रावधान किया है। उदाहरण के तौर पर, हाल ही में ओलंपिक में शूटिंग में पदक जीतने वाली मनु भाकर और सरबजोत को डिप्टी डायरेक्टर की नौकरी का प्रस्ताव दिया गया है। इसके लिए 2021 में सेवा नियम बनाए गए हैं, जिसके तहत खेल विभाग में प्रथम से तृतीय वर्ग के पद सृजित किए गए हैं। इन नियमों के तहत खिलाड़ियों को प्रथम से तृतीय श्रेणी में 3 प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।

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खेलों को जमीनी स्तर पर बढ़ावा देना

हरियाणा सरकार खेलों के प्रति अपनी गंभीरता को दर्शाते हुए अलग-अलग खेलों के लिए एक्सीलेंस सेंटर, 1100 खेल नर्सरियां, और व्यायाम शालाओं की स्थापना कर रही है। स्कूल स्तर पर भी खिलाड़ियों के विकास के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनमें 700 से 1000 रुपये तक की छात्रवृत्ति दी जाती है। ग्रामीण स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय खेल परिसर और स्टेडियम बनाए गए हैं, जिनमें सभी सुविधाएं और कोच तैनात किए गए हैं।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हरियाणा का शानदार रिकॉर्ड

पेरिस ओलंपिक 2024 में 4 पदक हरियाणा के नाम रहे। नीरज चोपड़ा ने जैवलिन में सिल्वर मेडल, मनु भाकर और सरबजोत ने शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता, और अमन सहरावत ने कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। इसके अलावा, हॉकी टीम में संजय, अभिषेक, और सुमित ने भी ब्रॉन्ज मेडल जीता। 2023 के एशियन गेम्स में हरियाणा ने 33 मेडल, 2022 के कॉमनवेल्थ खेलों में 17 पदक, और 2020 के टोक्यो ओलंपिक में 3 मेडल जीते। खेलो इंडिया खेलो में भी हरियाणा के खिलाड़ियों ने हमेशा ही शानदार प्रदर्शन किया है।

 

 

 

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